दिमागी बुखार को पहचानें इन लक्षणों से
मेनिंजाइटिस (मस्तिष्क ज्वर) या कहें दिमागी बुखार मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आस-पास की झिल्लियों में हुई सूजन से होने वाली बीमारी है। मस्तिष्क तथा मेरुदंड के प्रभावित होने के कारण यह जानलेवा हो सकता है, इसलिए इसे चिकित्सा की दृष्टि से आपातकालीन स्थिति माना गया है। बैक्टीरियल मेनिंजाइटिस, वायरल मेनिंजाइटिस के मुकाबले अधिक घातक होता है। बच्चे सबसे अधिक इस रोग के शिकार होते हैं। मगर छोटे बच्चों में इसके लक्षणों को पहचान पाना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि बच्चे अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में ठीक-ठीक नहीं बता पाते। इसलिए माता-पिता द्वारा मेनिंजाइटिस के लक्षणों को पहचान कर तुरंत कदम उठाना बहुत जरूरी है क्योंकि यह रोग अक्सर जानलेवा होता है। आइए जानते हैं, इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों को –
अचानक तेज बुखार चढ़ना
दिल्ली के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश महाजन कहते हैं कि इस बीमारी में ज्वर अचानक से चढ़ता है। बच्चा कांपने लगता है और उसे तेज ठंड लगने लगती है। बुखार को नीचे लाना एक बड़ी चुनौती होता है। हालांकि यह लक्षण बहुत सी बीमारियों का हो सकता है, मगर बाकी लक्षणों के साथ इस पर ध्यान देना जरूरी है। इसी वजह से डॉक्टर महाजन कहते हैं कि यदि बच्चे को तेज बुखार चढ़े तो डॉक्टर से तत्काल सलाह लें क्योंकि इस दिमागी बुखार में इलाज से बेहतर बचाव है। तेज बुखार के कारण बच्चों को दौरा या फीट्स आ सकते हैं। आंखें ऊपर की ओर चढ़ सकती है।
तेज सिरदर्द और गर्दन की जकड़न
मेनिंजाइटिस में होने वाला सिरदर्द असहनीय होता है और दर्द मरीज की गर्दन को भी जकड़ में ले सकता है। इसलिए इसे गर्दन तोड़ बुखार भी कहते हैं।
धुंधला दिखना
मेनिंजाइटिस के मरीज को गंभीर स्थिति में आंखों से साफ नहीं दिखाई देता और चीजें धुंधली दिखने लगती हैं।
पेटदर्द और मितली
बच्चा लगातार मितली और पेटदर्द की शिकायत कर सकता है, तेज पेटदर्द के साथ उल्टी भी हो सकती है।
तेज रोशनी सहन न होना (फोटोफोबिया)
आंखों में पानी आने और लगातार बढ़ते सिरदर्द के कारण तेज रोशनी से घबराहट हो सकती है। छोटे बच्चों को रोशनी से डर लगने लगता है। इस बीमारी में त्वचा पर रैशेज या दरोरे भी पड़ सकते हैं।
ऐसी स्थिति में क्या करें
डॉक्टर महाजन कहते हैं कि यह एक खतरनाक बीमारी है, इसलिए तेज बुखार चढ़ने पर किसी चीज का इंतजार न करें, तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि तेज बुखार में अन्य जांचों के साथ-साथ मेनिंजाइटिस की जांच भी की जाती है और जितनी जल्दी इस बीमारी का पता चले उतना ही जल्दी आपके बच्चे के पूर्ण रूप से ठीक होने की संभावना रहेगी। देर होने पर इस बीमारी के कुछ न कुछ आफ्टर इफेक्ट रह जाते हैं। मरीज को कम रोशनी और कम शोर वाली जगह में रखें और उसे पूरा आराम करने दें। सभी लक्षणों के बारे में डॉक्टर को स्पष्ट रूप से बताएं और डॉक्टर की सलाह से तुरंत अस्पताल में भर्ती कराएं।
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